यह भी कुछ पल
यह भी कुछ पल
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चलो चलते हैं
अपने उन पलों की ओर
बांध लो अब पतंग की डोर
उड़ाएंगे मकर सक्रांति पर
दौड़ लगाएंगे
हम जीत जाएंगे
मुझे बहुत अच्छा लगता है
खुशियों से जीवन जब खिलता है
उन पलों को याद करो
किसी से तुम मत डरो
हर दिन मुस्कुराते रहो
हर दिन की नई शुरुआत को
निहारते रहो..