खुशियों से जीवन जब खिलता है उन पलों को याद करो खुशियों से जीवन जब खिलता है उन पलों को याद करो
जब संसार जगमगा उठा, तब हम सो गए जब संसार जगमगा उठा, तब हम सो गए
हममें हमारा विश्वास बनो भय लज्जा हमें सीमा में बाँधती हममें हमारा विश्वास बनो भय लज्जा हमें सीमा में बाँधती
फिर क्यों मुझमें रवानगी अभी बाकी है, क्यों अँखियाँ तेरे दीदार को तरसते? फिर क्यों मुझमें रवानगी अभी बाकी है, क्यों अँखियाँ तेरे दीदार को तरसते?
(१) छोड़कर अपनी बच्चों को, चिड़िया अपनी घोसले में । निकली वह दाने चुनने को, (१) छोड़कर अपनी बच्चों को, चिड़िया अपनी घोसले में । निकली वह दाने चुनने क...