ये वो अहसास है !
ये वो अहसास है !


ये वो अहसास है जो मुझे तुमसे जोड़ता है,
कुछ अनकहा, कुछ अनसुना
ये वो है जो मुझे तुमसे जोड़ता है!
कभी इसकी कल्पना भी करूँ तो किनारा नहीं मिलता,
ख़यालों में बस प्यार सा छा जाता है !
कभी बयान करना भी चाहूँ तो शब्द नहीं मिलते,
और कभी बिना शब्दों के ही तुम सब समझ जाते,
क्यूँकि ये वो है जो मुझे तुमसे जोड़ता है !
वो पहली मुलाकात, वो पहली तकरार और वो पहला इज़हार,
आज भी लगते है सुहाने
क्यूँकि आज भी उतना ही है प्यार और सम्मान के तराने,
इस अहसास का क्या नाम दे,
जो रूह को भी सवार दे,
हाथों में अगर हाथ हो तुम्हारा तो सारी उलझने यूं ही सुलझा दे,
क्यूँकि ये वो है जो मुझे तुमसे जोड़ता है !
इस सफर को जो ओर भी सरल बना दे ये वो अहसास है,
सफर में हमसफ़र बन जो साझेदारी निभाए ये वो अहसास है,
ये वो है जो मुझे तुमसे जोड़ता है !
ये वो जिससे सिर्फ महै सुस किया जा सकता है,
जिसके होने से जो हौसला मिलता है
उसे दुनिया की हर लड़ाई को लड़ा जा सकता है,
क्यूँकि ये ये वो है जो मुझे तुमसे जोड़ता है !