Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Sweta Parekh

Inspirational

4.5  

Sweta Parekh

Inspirational

सपनो की खोज

सपनो की खोज

1 min
432


सपनो की खोज कहाँ आसान होती है,

जब मंजिलो की राह ही गुमनाम होती है,

रास्ते कहां पता बताते हैं ये तो इंसान ही हैं जो कही खो से जाते हैं!

सीख तो सबकी एक है,शिक्षा भी एक है

फिर भी क्यों कुछ सही और कुछ गलत से हो जाते हैं!


देखते सब वही हैं,

सीखते भी सब सही हैं,

फिर क्यों सबके के सच और जुठ अलग से हो जाते हैं

रास्ते कहा पता बताते हैं ये तो इंसान ही हैं जो कही खो से जाते हैं

कुच गुमनामी में तो कुछ बेमानी में,

सपनो के पीछे की दौड़ में सब सीख किताबो की लिखावट सी बन जाती हैं!


सपनो की खोज कहां आसान होती है,

खुशियों का वो तोड़ कहां मुश्किल होता है,

रास्ते कहा ठुकराते हैं ये तो इंसान ही हैं जो कही भटक से जाते हैं,


मंजिलो से जयादा तो ये राहे प्यारी होती हैं, मंजिलो तक की ये जो साथी होती हैं,

महेनत के सुकन में तो वो महोबत्त होती हैं, जो सिर्फ एक माँ की ममता में पायी जाती हैं,

झूठ और बेमानी में कहा सुकून की नींद आती है!


सपनो की खोज कहां आसान होती है,

जब मंजिलो की राह ही गुमनाम होती है,

रास्ते कहां पता बताते हैं ये तो इंसान ही हैं जो कही खो से जाते हैं!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational