ये सरकारी मौत थी
ये सरकारी मौत थी
कभी किसी राज्य के
अस्पताल में ऑक्सीजन की
कमी से सैकड़ों बच्चे मर जाते हैं,
कभी किसी राज्य में
बुखार की वजह से हज़ारों
बच्चे मर जाते हैं,
कभी अस्पताल बन्द होने की
वजह से बच्चे की मौत हो जाती है,
इसपे कोई हंगामा नहीं होता
कोई जुलुस नहीं निकलता,
किसी के आत्मसम्मान को
ठेस नहीं पहुँचता,
मानवाधिकार वालों का इस देश
में कोई महत्व हैं हीं नहीं,
बस वो है ,
बस इतना हीं उसकी महत्ता है,
खैर, थोड़ा शोर शराबा के बाद
मुख्यमंत्री के आह्वाहन पर जाँच
कमेटियाँ बनती हैं,
सभी विभाग एक दूसरे पर हीं
केस करते हैं
वर्षो केस चलता है
मोटी-मोटी फाइलें बनती हैं
निष्कर्ष निकलता है
और प्रेस कॉन्फ्रेंस में
नेता !
कहता है कि
ये प्राकृतिक मौत थी,
कवि !
कहता है कि
ये सरकारी मौत थी।
