ये सोच होती है
ये सोच होती है
क्या पता है इंसान ऐसी कौन सी बात तुझको महान बनाती है
ऐसा क्या होता है तुझमें जो दुनिया में तुझको सबसे अलग दिखाती है
तू कैसा है और तेरी इंसानियत कैसी है ये सबको बताती है
तेरे जीने का ढंग क्या है आगे आने वाला तेरा कल तुझको दिखाती है
कभी खुद को कभी औरों को ये बना एक खलनायक क्यों गुनहगार बनाती है
इतना मत सोचो ये सोच होती है इंसान जो तेरे जीने के नजरिये को बताती है
जब तुम किसी को मौका नहीं देते कैसे उसको अपना दोषी कह देते
अपने आप में मतलब निकाल क्यों बिन बात की उसको सजा देते
जब तुम सुन नहीं सकते किसी के दिल की फ़रियाद
कैसे कर पाओगे तुम उसे तड़पा कर खुद को आबाद ये सोच होती है
कर ले मेरे यार तू इसका इलाज ना तो कर देगी ये दुनिया में तुझको बर्बाद
अगर बंदिशों का दौर था तो एक बार हमको बताया होता अपना समझ कर
हम पर हक़ जताया होता क्या हूँ मैं तेरे लिए ये मुझको बताया होता
भले ही मुझको तूने प्यार का नहीं अपनी नफरत का अहसास कराया होता
क्यों दूर करना चाहते हो तुझसे मेरे जैसे यार को ये सब बताया होता ये सोच होती है
इसको पलट कर मुझको भी अपने दिल में बसाया होता।
