Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Anju Singh

Tragedy

4  

Anju Singh

Tragedy

ये फुटपाथ की जिंदगी

ये फुटपाथ की जिंदगी

1 min
249


जिसके नसीब में छत नहीं होता

उसका बसेरा तों फुटपाथ है होता 

कहते इसे सड़क का किनारा

पर होता बेसहारों का सहारा


तपती दोपहरी हो या

ठिठुरन भरी जाड़े की रात

जाने कितने लोग जिंदगी 

गुजारते हैं फुटपाथ के साथ


हर रोज मौत है नाचती

फुटपाथ की जिंदगी में

खुशकिस्मत होते हैं वो लोग

जो चैन से रहते घरों में


कितनों को नींद नहीं आती 

मखमल के बिस्तर पर

ग़रीब थक कर सो जाते हैं

फुटपाथ के बिस्तर पर


कुछ असहाय बेबस है 

और कुछ की है लाचारी

इनकी मजबूरी को 

क्या जानें दुनिया सारी


तन पर पूरे वस्त्र नहीं

सर पर कोई छत नहीं

मौसम कितने आते जाते 

इनको कोई फिक्र नहीं


राह देखती कातर ऑंखें

कोई कृपा निधान नहीं

सोचों जरा सहानुभूति से

फुटपाथ के सिवा उनका कोई नहीं


कितने ही असहाय 

जिंदगानियों का है ये बसेरा

तंगहाली से हो तर-बतर

यहाॅं डालते जीवन का डेरा


मजबूर बेबस लोगों का

यहीं दो वक्त का खाना है

हॅंसकर जिंदगी गुजारना और

फुटपाथ इनका आशियाना है


ना जाने कितनी जिंदगी 

जान गँवा जातीं है

और बेबस गरीबी

पूरी यहीं गुजर जाती है


ना जाने कितने ही यहाॅं

जिंदगी बसर करते हैं

तड़पकर यहां जीते 

और तड़पकर मरते हैं


एक तरफ तो देश 

अग्रसर है प्रगति की राहों में

पर फुटपाथ के बेबस लोग

कहाॅं आते सबकी निगाहों में


हम अक्सर देखा करतें हैं

जूते सज रहें शोरूमों में 

और किताबें दिखती फुटपाथों पर

क्या किताबों का मोल नहीं

जीवन में यूं लगता है

जिंदगी का शायद‌ मोल नहीं


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy