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Rajendra Kumar Singh

Tragedy

3  

Rajendra Kumar Singh

Tragedy

आखिर कब तक?

आखिर कब तक?

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आखिर कब होगा ?

देश में चैनों - अमन।

या फिर,

उड़ती ही रहेंगी धज्जियाँ,

बख्तरबंद बस्तर की,

और सुरक्षा तंत्र की।


या फिर, शुरू होगी भी कोई

ठोस पहल,

असुरक्षा और

अराजकता के विरुद्ध।


आखिर कब तक ?

चलता रहेगा द्वंद युद्ध।

क्यों नहीं करते,

कोई ऐसा युद्ध प्रयास

जिससे जागे लोगों में

अपना विश्वास।


आखिर क्यों ?

रह रह कर,     

मातम का मौसम,

मचलने लगता है।


आखिर क्यों ?

रह रह कर

हमारा दिल

दहलने लगता है।


आखिर कब तक ?

होता रहेगा,

देश-प्रदेश का सर्वनाश।


कब तक मरती रहेगी,

हम लोगों की एहसास।

आखिर कब तक ?  

सुनते रहेगें हम

गोलियों की गुंजन,

और शहीदों के परिजनों 

की रू़दन।


अब तो यह दुःख हमसे

सही भी नहीं जाती है

तुझे इतनी सी बात क्यों,    

समझ में नहीं आती है।


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