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Sharvari Prabhu

Tragedy

3  

Sharvari Prabhu

Tragedy

धुआँ

धुआँ

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धुआँ ये धुआँ है, ये कैसा धुआँ, हर जगह, 

यहाँ भी धुआँ है, वहाँ भी है, जाए कहाँ ?

साँस लेना ये करदे मुश्किल,

साँस लेना ये करदे मुश्किल, 

ना नशा, ना सज़ा, ना नशा,

ना सज़ा, ये तो मौत की सज़ा।


दो पल, फुर्सत के, तुमको मिले थे,

जो तुमने, नशे में, गवा दिए, 

दो पल राहत के तुमको मिले थे,

जो तुमने धुएँ में उड़ा दिए।


दो पल खुशियों के, तुमको मिले थे,

जो तुमने, ख़ाक में मिला दिए।

ये जीना भी कोई जीना है,

ये जीना भी कोई जीना है ? 

ना नशा,ना मज़ा, ना नशा ना मज़ा,

ये तो मौत की सज़ा। 

 

कटी कटी, बटी बटी, घुटी घुटी, घिसी पीटी,

ये ज़िंदगी, यूँ किश्तों में गुज़ारे क्यूँ ? 

इक नशे की आड़ में, गुरुर में, ख़ुमार में,

सिसक सिसक के, ज़िंदगी गुज़ारे क्यूँ।

 

कटी कटी, बटी बटी, घुटी घुटी, घिसी पीटी,

ये ज़िंदगी, यूँ किश्तों में गुज़ारे क्यूँ ? 

इक नशे की आड़ में, गुरुर में, ख़ुमार में,

सिसक सिसक के, ज़िंदगी गुज़ारे क्यूँ।

 

ये जीना, भी कोई जीना है,

ये जीना भी कोई जीना है ? 

ना नशा ना मज़ा, ना नशा, ना मज़ा,

ये तो मौत की सज़ा। 


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