अभी चुनाव है भाई
अभी चुनाव है भाई
सुनो भाई चुनाव है अब चुनावी कीड़े काटेंगे,
धर्म जाति ऊंच-नीच अपना पराया और
संप्रदायिकता के नाम पर हम सबको बाटेंगे !
एक वोट की खातिर यह कुछ भी कर जाएंगे,
उंगलियों पर यह अपने किए काम गिनवाएंगे !
जिसने कुछ ना किया वह दोस विपक्षी को देगा,
मुफ्त का मायाजाल दिखाकर वोट आपका ले लेगा !
हम भरते हैं टैक्स और यह हरदम उन पर ऐश करें,
चुनावी सीजन मैं यह जनता से अपनापन पेश करें !
मंदिर में गेरुआ पहन ले मस्जिद में अजान करें,
चर्च में क्रॉस करें तो गुरुद्वारे में दान करें !
कभी खुद पर हमला तो कभी पब्लिक को मरवा आएंगे,
और कभी यह जात पात के नाम पर दंगे भी भड़काएंगे !
फ़िर दंगों की आड़ में अपने वोट बैंक भी बाटेंगे
अभी चुनावी सीजन है चुनावी कीड़े काटेंगे !
खुद को कहे जनता का सेवक जनता को ही काटेंगे,
अभी चुनाव नजदीक है चुनावी कीड़े काटेंगे !
देश के सेवक बन करके यह देश को ही बेच रहे,
ऐसे लोग जब देश संभाले तो सोचो क्या देश हमारा देश रहे ?
अपनी कुर्सी के खातिर यह तलवे भी चाटेंगे,
चुनावी सीजन है चुनावी कीड़े काटेंगे।