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Divyanshi Triguna

Abstract Fantasy

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Divyanshi Triguna

Abstract Fantasy

ये मन तो हैं, मोहन का

ये मन तो हैं, मोहन का

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ये मन तो हैं मोहन का,

ये दिल भी हैं उन्हीं का..

    उन्हीं का मैं इंतज़ार करूं,

    उन्हीं से मैं इतना प्यार करूं..

श्याम मिले तो, बात बनें सो

जीवन की सारी..

    उन बिन रहता मन ये अधूरा

    उन बिन मैं हारी..

श्याम बिना.......

कुछ भी नहीं, हैं मेरा यहां पर

    मैं इस मन को यहीं, कहती रहतीं हूं कहीं..

उसकी एक झलक भी देखूं,

तो मन भर जाता हैं..

    उसकी नज़र से नज़र मिलाऊँ,

मुझे, साथ वो भाता हैं..

श्याम मेरा.......

हैं सब कुछ, ही हैं अब यहां पर

    मैं तो बस उसकी हो जाऊं,

उसका ही साथ मैं चाहूं.......



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