ये कैसी
ये कैसी
ये कैसी मजबूरी है जहां तुम हो बही हम है
ये कैसी मजबूरी है तुम हो पास मगर हम दूर है
एक वक्त था कटा करती थी हमारी रातें
सुनकर तेरी बातें
कॉलेज हो या कोई पार्क या कोई स्टेशन
हम इंज़ार करते थे देर तक सिर्फ करने केलिए तुझसे मुलाकातें।
मैं था तेरा बिता हुआ कल वो है
तेरा आने बाला पल
तू कल तक करती थी जिससे नफ़रत
तू आज बन गई है उसकी मोहब्बत।

