ये कैसी इन्सानियत
ये कैसी इन्सानियत
ईश्वर ने बनाया एक इन्सान
जिसे दिया बल, बुद्धि और प्रेम
और दिया एक सन्देश
सभी जीवों से प्रेम करने का।
अडिग होकर अपने
सिद्धान्तों पर चलने का
पर अब बदल गये हैं इन्सान
चोरी डकैती और कर रहे भ्रष्टाचार।
कर रहे इन्सानियत को तार-तार
नहीं है समझ इन्सान होने की
शर्म आ रही है मुझे अब इन्सान होने पर।
