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Goldi Mishra

Drama Tragedy Others

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Goldi Mishra

Drama Tragedy Others

ये हालात

ये हालात

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सब कुछ एक पिंजरे में कैद सा लगता है,

दिल खोल कर हँसे हुए एक अरसा बीता है।।

इस महामारी ने सब कुछ बदल दिया,

जीने के ढंग और हमारी जिंदगी को बदल दिया,

बेचारे मजदूर अपनी छत खो बैठे है,

भूख से व्याकुल हजारों लोग अपनी जान खो बैठे है।।


सब कुछ एक पिंजरे में कैद सा लगता है,

दिल खोल कर हँसे हुए एक अरसा बीता है।।

बच्चों की पढ़ाई भी अब घर से हो रही है,

जिंदगी इन हालातों से लड़ना सीख रही है,

अस्पतालों में काम कर रहे डाक्टर सच्चे सिपाही है,

जिन्होंने इस महामारी को खत्म करने की ठानी है।।


सब कुछ एक पिंजरे में कैद सा लगता है,

दिल खोल कर हँसे हुए एक अरसा बीता है।।

रिश्तों में दूरियां भी आ गई है,

लॉकडाउन की वजह से प्रकृति भी खुद को संवार रही है,

प्रदूषण के स्तर में गिरावट दिखी है,

पर मृत्यु दर में तेजी से बढ़ोतरी भी दिखी है।।


सब कुछ एक पिंजरे में कैद सा लगता है,

दिल खोल कर हँसे हुए एक अरसा बीता है।।

घरों में कैद महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार है होती,

किसी की तनख्वाह में की गई कटौती तो किसी की नौकरी चली गई,

एक महामारी ने सब कुछ बदल दिया,

वो हँसता खेलता खुशियों से भरा समा हमसे छीन लिया।।



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