"यादगार लम्हें "
"यादगार लम्हें "


वह हसीन लम्हे,
हमने है जो गुजारे,
गांव में मचाता हुड़दंग,
दोस्तों के बीच यारी,
हंसता खेलता बचपन,
अब कहां मिल पाये।
दादी की आंचल का प्यार,
दादा का स्नेह और दुलार ,
बुआ की प्यार भरा साथ,
ताई ,ताऊ का निश्छल प्रेम,
पापा अम्मा की डांट प्यार,
अब कहां मिल पाये ।
पेड़ों की डाली के झूले,
कोयल की कू कू पुकार,
बीत गए वह दिन, दोपहरी,
गुजर गए वो सुन्दर लम्हे,
थराई ये आंखें अब भी,
पाने को बहुत ही है प्यासे !
वह हसीन जिंदगी के लम्हे ,
हमने है जो अब तक गुजारे,
यूं उसे अब याद कर- कर,
बहते नयनों से अश्रु के धारे,
वह हसीन जिंदगी के लम्हे,
खुशी खुशहाल जो अब तक गुजारे।