यादगार लम्हे
यादगार लम्हे
शारदा के प्यार से
सुनहरी यादों के लम्हे चुराकर
खुद को खुश नसीब समझ रहा मैं
जब इंतजार के लम्हे पिघलने लगे
फिर वही प्यार भरे सपने उमड़ने लगे
वो मधुवन पार्, वो सफेद पौशाक
वो मीठी मीठी बाते वो पूनम सा चांद
तेरे वो मुस्कराते लब, गालों पर लाली
भागकर चलती ट़ेन को पकड़ना
वो हाफ स्लीव की काली स्वैटर
मेरे उन्हीं लम्हो को याद
करवाती है मोहन की जान
बन गई तू मेरे घर की शान।

