STORYMIRROR

Mohan Arora

Inspirational

4  

Mohan Arora

Inspirational

बाबा पीर की मजार

बाबा पीर की मजार

1 min
422


फलों के बाग मे थी एक बाबा पीर की मजार 

चढ़ते उस पर खिल, बताशे, चद्दर और फूलों के हार 


हर वीरवार को दर्शन करने लोग इकटठ होते हजार 

चावल बंटते खीर बंटती कितनी सुंदर थी बाबा पीर की मजार 


श्रद्धालु लोगो का तांता लगता, सजता पुरा बाजार 

धूप मिलती अगरबत्ती मिलती मिलती हरी चददर की लखार


पुरी रौनक बनती, बनता था लोगो का आपस में प्यार 

श्रद्धा थी भक्ति थी था चमत्कार का व्यवहार और संचार 


कितनी अलौकिक और सुंदर थी बाबा पीर की मजार।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational