STORYMIRROR

Mohan Arora

Classics

4  

Mohan Arora

Classics

बाग

बाग

1 min
321

बचपन में देखा एक छोटा सा बाग बाग के बीचो बीच था एक कुआँ 

रिति रिवाजो के बीच बाग के साथ साथ उस कुएँ का पूजन बहुत हुआ


आम का पेड़ शहतूत का पेड़ थे बीचो बीच मे अमरूद के पेड़

टमाटर भिंडी बैंगन की सब्जी थे उसमे छोटी बड़ी बेरी के पेड़ 


माली और उसके बेटे करते अपने बाग की बहुत रख़वाली 

बेर बेचते शहतूत बेचते अमरुद बेचते कभी ना होता बाग खाली 


आते जाते सभी को खुश रखते देते सभी को सब्जी और फल 

आज खाओ हमारी सब्जी और फल फिर किसने देखा है कल 


लक्षमी पूजन कुँआ पूजन धरती पूजन देव पूजन था एक रिवाज 

बाग मे सजता हर त्योहार नाच गाने के बीच बजता हर साज


मेरे बचपन का वह बाग था अति मनमोहक सुंदर और प्यारा 

फल फूल सब्जी के साथ शहतूत अमरूद बेर का रंग था न्यारा 


ऐसे बाग में क्या बचपन था हमारा क्या बचपन था हमारा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics