STORYMIRROR

Sangita Tripathi

Romance

2  

Sangita Tripathi

Romance

यादें

यादें

1 min
183

यादों की गलियों से निकले जब हम

तुम याद बहुत आये

कई बार सोचा खत लिखने को

तुम्हें

दिल के लिफाफे पर पता भी 

लिख दिया

शायद तुम्हें मिल गया होगा 

हाल दिल का

इंतिजार की घड़ियाँ हैं 

बहुत लम्बी.... 

लेकिन मैं इंतजार करुँगी 

अपनी चाहत का... 

कयामत भी आ जाये तो 

क्या

कदम तो मिलाना है साथ 

तुम्हारे

हकीकत से कब बदले तुम 

यादों में

यादों से निकल कब तुम 

मिले ख्वाबों में।

          


        

       

        

        



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance