#मेरे भइया
#मेरे भइया
कब तुम्हारी कलाई में धागा बांधते
मैं बड़ी हो गई....
दूर हो जाते थे दुख दर्द, कह सुन
कर तुमसे...
किस बात से तुम रूठ गये भइया
इस बहना से....
सब की तरह हैं मेरा भी मायका
ये तसल्ली थी..
पर क्या पता था मुझे सबकुछ
मृगतृष्णा हैं...
जाने से पहले एक बार सोचा होता
कितने दिल टूटेंगे...
तुम्हारे जाने से ना रहा आज मेरा
मायका....
हर तीज त्योहार पर जाने क्यों
दिल करता इंतजार...
क्या पता तुम लौट आओ कभी
इसी आस में....
प्यार का धागा लिए करती हूँ मैं
इंतजार भाई...
हर रक्षाबंधन आँसुओ के साथ ही
जाती हैं....
बहुत शिकायत हैं ईश्वर से ही
क्यों छीना मेरा भाई....
बनुँगी हर जन्म में बहना तुम्हारी
बांधूगी धागा तुम्हें....
भाई बहन के इस अनमोल रिश्ते को
जीना चाहूंगी बार बार....