फ़िल्म -साथ -साथ
फ़िल्म -साथ -साथ
तुमको देखा तो ये ख्याल आया
जिंदगी धूप तुम घना साया
तुमको...
आज फिर दिल ने एक तमन्ना की
आज फिर दिल को हमने समझाया
तुमको....
तुम चले जाओगे तो सोचेंगे
हमें क्या खोया, हमने क्या पाया
जिंदगी धूप, तुम घना साया..
हम जिसे गुनगुना नहीं सकते
वक़्त ने ऐसा गीत क्यों गया
जिंदगी धूप, तुम घना साया...
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हमने जब याद किया, तो ये याद आया
तू ही जिंदगी, तू ही बंदगी
हमने जब याद किया तो ये याद आया....
आज फिर ख्वाहिशों की रात आई
आज फिर वो रात याद आई
हमने जब याद किया तो ये याद आया
चले गये थे, वो बात याद आई
तुझ को खोकर, ये याद आया
तू ही जिंदगी, तू ही बंदगी
जो दास्ताँ पूरी ना हो पाई
वो कहानी लिखी ही क्यों गई
तू ही जिंदगी, तू ही बंदगी ....