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Kamal Purohit

Romance

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Kamal Purohit

Romance

यादें

यादें

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तेरी भीगी भीगी यादें।

क्यों तड़पाये मुझको रातें।


सूखा सूखा मन ये मेरा,

करता तुझसे बस फरियादें।


मैंने आज तलक नहीं माना

झूठे थे जो तेरे वादे।


तुम इस दिल से दूर चले तो,

टूटे दिल के अरमान सारे।


आया सावन फिर से मिलने।

होती रोज यहाँ बरसाते।


मिलना हो न सकेगा गर तो,

रुक जाएगी चलती साँसें।


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