यादें ही ज़िन्दा रखती है चाहने
यादें ही ज़िन्दा रखती है चाहने
गर मुहब्बत में दिल कभी परेशान ना होता।
तो यादों का इतना मुकम्मल स्थान ना होता।।
मोहब्बत में यादें ही दिल का आईना होती है।
एक दूजे के याद में अक्सर आँखें ये रोती है।।
ये दिल गुल ये गुलिस्तान ना होता - 2
तो यादों का इतना मुकम्मल स्थान ना होता।
हीर रांझे की कहानी, लैला मजनूँ के अफसाने।
फ़िज़ा में घुल रही है मुहब्बत के नित नये तराने।।
मिलने बिछड़ने का जग में रिवाज ना होता -2
तो यादों का इतना मुकम्मल स्थान ना होता।2।
यादें ही ज़िन्दा रखती है चाहने वाले को-2
यादें ही जोड़े रखती है जुदा सब लोगो को।
गर जीवन में यादों का अहसान ना होता-2
तो यादों का इतना मुकम्मल स्थान ना होता।।
यादें ही अब लोगों के जीने का सहारा है।
वर्ना तुम किसके और कौन तुम्हारा है।।
प्रेम सा यादों का जग में आधार ना होता-2
तो यादों का इतना मुकम्मल स्थान ना होता।।
मिट्टी की है जग, मिट्टी की है यह काया।
चार दिनों का बस झूठी है मोह माया।।
चार दिनों में जग से जाने रिवाज ना होता।
तो यादों का इतना मुकम्मल स्थान ना होता।।