याद
याद
नव भोर नव आशा के झूले
बीती रात कमल दल फूले।
हुआ मधुर प्रणय ओ संगी
विगत हुई वह निशा सतरंगी
विधु संग डूबे बिसर गए कूले
बीती रात कमल दल फूले।
अभिसार बेला मधुमासी आती
गाछ लिपट वल्लरि शरमाती
उर प्रियतम का नेह कुबूले
बीती रात कमल दल फूले।
कोयल मयूरा पपीहा गावे
मन मितवा मोहे बहुत सतावे
विरह अगन मन को तड़पावे
पिया तेरी याद कैसे हम भूले
बीती रात कमल दल फूले।

