याद
याद
उनकी आज बहुत याद आ रही है
ना जाने क्यूँ इतना सता रही है
क़िस्मत में लिखा होगा तो मिलेंगे ज़रूर
यह दिल की आवाज़ बता रही है
उनका दीदार करने को दिल बेचैन है
उनकी बाहों में ज़िंदगी गुजर जाए यह तमन्ना है
यूँ ही इंतज़ार की घड़ियाँ निकल जाए
बस तुम सामने आ जाओ यही ख़्वाहिश है
क़िस्मत से मिले हो तुम मुझे
बस यूँही रहना पास मेरे
ना जाना कभी छोड़कर
यही एक गुज़ारिश है
उनकी आज बहुत याद आ रही है।

