वृक्ष ही जीवन है
वृक्ष ही जीवन है
वृक्ष-लता अरु डाली-डाली,
हर क्षण ही तो कुछ कहती है।
मेघालय वे भू बन जाए,
जिस मिट्टी साँसे रहती है।
पौधों को तुम जीवन देना,
पृथ्वी को जीवन यह देते।
मेघ-पुष्प, थल, फल सब इनसे,
प्राणवायु भी हँस बहती है।
वृक्ष-लता अरु डाली-डाली,
हर क्षण ही तो कुछ कहती है।
मेघालय वे भू बन जाए,
जिस मिट्टी साँसे रहती है।
पौधों को तुम जीवन देना,
पृथ्वी को जीवन यह देते।
मेघ-पुष्प, थल, फल सब इनसे,
प्राणवायु भी हँस बहती है।