Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Nancy Sundrani

Tragedy

4.0  

Nancy Sundrani

Tragedy

वक़्त आ गया है

वक़्त आ गया है

1 min
243


आज सूरज की किरने को देखने ज्लदी उठी थी

आंखों मे नई उम्मीद की किरण थी

मन की ये हलचल

दिल की खामोशी

आज कुछ ज्यादा ही खुश हो रहा था


एक आवाज़ आयी

एक औरत चीख रही थी

देख तो मर्द औरत पर हावी हो रहा था

उसके नाजुक केश खीचते हुऐ गलियां दे रहा था ।


फिर एक और आवाज़ आयी

इस बार भी यह आवाज़ एक औरत की थी,

पर इस बार उसके मान की आवाज़ थी।

वो बोली,


आखिर ऐसा क्याँ हुआ कि लड़की के जन्म होने की खुशी नहीं होती

आखिर ऐसा क्याँ हुआ कि लड़की को बोझ समझा जाता है

आखिर ऐसा क्याँ हुआ कि लड़कियो को पढ़ने लिखने नहीं देते है

आखिर ऐसा क्याँ हुआ कि लड़कियाँ घर से बाहर नहीं जा सकती

आखिर ऐसा क्याँ हुआ कि लड़का - लड़की में इतना फरक करते है

वक़्त आ गया है इन सारे सवालो का जवाब देना का

वक़्त आ गया है इन फरक को मिटाने का

वक़्त आ गया है सोच बदलने का।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy