गुमनाम
गुमनाम

1 min

337
गुमनाम हूँ इस दुनिया से मैं
पर मुझे भी इक पहचान बनानी हैं
यूँ तो जी सकती हूँ मैं भी लोगों की तरह
पर उनसे आगे बढ़ कर दिखाना है।
भाग रही हुँ दुनिया कि इस भीड़ के साथ में,
पर मुझे कदमो को इस भीड़ से आगे बढ़ाना है।
टूटे हुऐ हौसले से आगे बढ़ रही हूँ मैं,
उसी हौसले से इस दुनिया को हिलाना है।
कुछ कर के दिखाऊँगी मैं इस पर मुझे विश्वास है,
बस इस दुनिया को इक परिणाम दिखाना है।