मेरी डायरी...
मेरी डायरी...
मैं तुम्हारे बारें में लिखना चाहती हूँ।
तुम्हारे पन्ने में दिखना चाहती हूँ।।
भले अनमोल हूँ दुनिया की नज़रों में।
मगर तुम में बिखरना चाहती हूँ।।
मैं बहोत दिनों से उदास और तन्हां हूँ।
मैं कुछ देर तुम में लिपटना चाहती हूँ।।
कर लेती हूँ टूटी फूटी शायरियाँ।
पर बहुत कुछ मैं सीखना चाहती हूँ।।