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आकिब जावेद

Romance

5.0  

आकिब जावेद

Romance

वो इश्क की बात...

वो इश्क की बात...

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वो इश्क की बात जुबां पे नही आने देते

करके वो चोट दिल पे,नही मुस्कुराने देते

दिल पे उतरते हैं,अहसास समझते हैं,लेकिन

वो मेरे अहसास को अब नही उभरने देते

वो इश्क की बात जुबां पे नही आने देते

वो हाले दिल अपना नही बताते लेकिन

आँख रोये भी,फिर भी दिल के हाल नही समझने देते

वो इश्क की बात जुबां पे नही आने देते

वो साथ उनका मुकद्दर में नही था लेकिन

दिल के जज्बात ही यूँ अब नही बहकने देते

वो ख़ामोश लम्हे जो बीते तेरे मेरे दरमियाँ

एक आहट सी दिल में अब नही खटखटाने देते.

वो इश्क की बात जुबां पे नही आने देते

करके वो चोट दिल पे,नही मुस्कुराने देते

जिंदगी बेवफा थी,ये मालूम था हमे,लेकिन

हम उनकी वफ़ाओं पे अब कोई इलज़ाम नही लगने देते

दूर रहकर के जो मिलती हैं गर ख़ुशियों अब उन्हें

पास आने को हम उन्हें मजबूर नही होने देते

वो इश्क की बात जुबां पे नही आने देते

करके वो चोट दिल पे,नही मुस्कुराने देते

वो इश्क की बात जुबां पे नही आने देते.

नही आने देते,नही आने देते


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