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AKIB JAVED

Abstract Drama Tragedy

4.0  

AKIB JAVED

Abstract Drama Tragedy

फटा जूता

फटा जूता

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188


सिल रहा था मोची

फटे जूते को,

लेकिन ऐसा लगा

जैसे सिली होउसने, किसी की इज़्ज़त। फटे जूते के छेद सेसमाज करता हैआकलन, किसी की प्रतिष्ठा, किसी के रुतबे का, और उस मोची नेसिल दिया उसफटे जूते को, और बचा लीकिसी कीइज़्ज़त। लेकिन, कहाँ कोई?भर पाता है, उस मोची की आर्थिक, सामाजिक, स्थिति एवं क़िस्मत, उसकी इज़्ज़त को !


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