हम गमों को भुला देते है
हम गमों को भुला देते है
वो ग़मो को यूं हवा देते हैंहम ख़ुशी को भी भुला देते हैं
मेरे हर राज़ से हैं वो वाकिफ़इसलिए ही तो दग़ा देते हैं
जोड़ने की दिलों की ख्वाहिश मेंहम ग़मो को भी भुला देते हैं
कम नहीं वो खुदा से भी यारो जो के बिछड़ो को मिला देते हैं
ज़ात मज़हब की सियासत में हीवो हमें खूब लड़ा देते हैं।