AKIB JAVED

Romance Classics Thriller

4.5  

AKIB JAVED

Romance Classics Thriller

हम गमों को भुला देते है

हम गमों को भुला देते है

1 min
335


वो ग़मो को यूं हवा देते हैंहम ख़ुशी को भी भुला देते हैं

मेरे हर राज़ से हैं वो वाकिफ़इसलिए ही तो दग़ा देते हैं


जोड़ने की दिलों की ख्वाहिश मेंहम ग़मो को भी भुला देते हैं

कम नहीं वो खुदा से भी यारो जो के बिछड़ो को मिला देते हैं


ज़ात मज़हब की सियासत में हीवो हमें खूब लड़ा देते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance