AKIB JAVED
Abstract Classics Inspirational
मेरा गांव ही, है मेरे मुल्क़ की तस्वीर !
अजां के साथहोती है भजन,
भजन के साथ-साथनमाज़ अदा होती है।।
नया साल
जीवन के रंग
सागर
बादल
किसे कद्र हैं...
फटा जूता
तेरी ही लगन
बोझ गम का ...
हम गमों को भु...
मेरे गाँव की ...
कमी पूछने पे अगला तुम पे बरस पड़े समझना क्योंकि समझने की जरूरत पड़े। कमी पूछने पे अगला तुम पे बरस पड़े समझना क्योंकि समझने की जरूरत पड़े।
कोई किसी का नहीं हुआ इस जहां में, फिर क्यों किसी एक पर मरते लोग हैं। कोई किसी का नहीं हुआ इस जहां में, फिर क्यों किसी एक पर मरते लोग हैं।
राधा कृष्ण के परिशुद्ध प्रेम की परिभाषा है हिंदी. राधा कृष्ण के परिशुद्ध प्रेम की परिभाषा है हिंदी.
प्रगति की राह में रोड़े खड़ा कर सकता है। प्रगति की राह में रोड़े खड़ा कर सकता है।
बहुत धुंधली नहीं फिर भी आसमां धुंध के ठीक पीछे रोशनी की कारवाँ बहुत धुंधली नहीं फिर भी आसमां धुंध के ठीक पीछे रोशनी की कारवाँ
आंखों में आंसू और दिल में खुशी को एकसाथ उतरते देखा है ... आंखों में आंसू और दिल में खुशी को एकसाथ उतरते देखा है ...
हम जिंदगी को कुछ यूं सँवारते हैं। सौम्यता को पहनकर अपनी भव्यता निखारते हैं। हम जिंदगी को कुछ यूं सँवारते हैं। सौम्यता को पहनकर अपनी भव्यता निखारते हैं।
एक गुजारिश आप सबसे है शायद आपके लिए मुश्किल भी है। एक गुजारिश आप सबसे है शायद आपके लिए मुश्किल भी है।
बच्चों की खातिर ही जीती हर तकलीफ़ सह जाती है, बच्चों की खातिर ही जीती हर तकलीफ़ सह जाती है,
जिंदगी के किसी हिस्से में आपका अधिकार नहीं है जिंदगी के किसी हिस्से में आपका अधिकार नहीं है
उनके साथ पल दो पल बिताने मिल जाते उनके साथ पल दो पल बिताने मिल जाते
चाहे जितना ज्ञान विज्ञान का जाल फैलाए या तंत्र मंत्र करे और पूजा पाठ में रम जाए। चाहे जितना ज्ञान विज्ञान का जाल फैलाए या तंत्र मंत्र करे और पूजा पाठ में रम ज...
भ्रम को पाले बैठे हो, गए हो मन से हार भ्रम को पाले बैठे हो, गए हो मन से हार
यौवन का रंग चढ़ा, गाड़ी तेज भगायी शादी के बाद घर की जिम्मेदारी आयी यौवन का रंग चढ़ा, गाड़ी तेज भगायी शादी के बाद घर की जिम्मेदारी आयी
संवाद की भाषा है। हिंदी का साथ। संवाद की भाषा है। हिंदी का साथ।
एक ही जिंदगी चाहिए जीने के लिये लेक़िन जोड़ कर कई टुकड़ों को जिंदगी बनाया मैंने। एक ही जिंदगी चाहिए जीने के लिये लेक़िन जोड़ कर कई टुकड़ों को जिंदगी बनाया ...
खुश तो नही हूँ मैं मगर होने की चाहत है वर्तमान में ध्वस्त हूँ लेकिन फिर सँवरने की आस। खुश तो नही हूँ मैं मगर होने की चाहत है वर्तमान में ध्वस्त हूँ लेकिन फिर...
श्रुति-सुधा वितरण कारी भारी सहलाए दिल की छोर।। श्रुति-सुधा वितरण कारी भारी सहलाए दिल की छोर।।
गौरव ताज हमारा सबका सम्मान है। गौरव ताज हमारा सबका सम्मान है।
हिंदी सिर्फ भाषा नहीं संस्कृति की समर्थ आचार्य है। हिंदी सिर्फ भाषा नहीं संस्कृति की समर्थ आचार्य है।