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Aryavart Prakash

Romance

3  

Aryavart Prakash

Romance

वो दीवाना

वो दीवाना

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हर शख्स से वो, मोहब्बत का पता पूछा होगा,

वो दीवाना कभी, मेरी गली से भी गुज़रा होगा।।


उसकी डायरी के फ़टे हुए पन्ने मिले हैं राहों में,

खाकर धोखा उसने कभी, मोहब्बत को ख़ुदा लिखा होगा।।


उसकी राहों में अब भी सूखे हुए खून के धब्बे हैं,

मोहब्बत के सफ़र में पैरों के छाले न गिना होगा।।


मोहब्बत के शहर में उसको मोहब्बत न मिली,

दिल किसी बेवफ़ा से उसने भी लगाया होगा।।


"आर्या" उसी दीवाने की परछाईं तुम भी लगते हो,

अपने दर्द को तुमने भी मुस्कुराहट से दबाया होगा।।



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