वो अतीत अब परे है
वो अतीत अब परे है


जो तकलीफ़ अब मुझको, छू ना पाएगी
वो अतीत अब परे है....
समुंदर सी आँखो में, आँसुओं की गहराई थी
वो अतीत अब पर है...
ना मैं समझी, ना वो मुझको समझा सका
परछाइयों के पीछे, हर कोई भागता रहा
वो अतीत अब परे है....
ना मुस्कुराने कि कोई वजह रही
ना कोई किसी को हँसा सका ! शायद
वो अतीत अब परे है.....
तेरी हर बात को मैं मानती रही
तू हमेशा उसे नकारता रहा ! हाँ
वो अतीत अब परे है.....
जीवन की गाड़ी चलती रही
रिश्तों के रूप में बदलती रही
वो अतीत अब परे है.....
जीना मुश्किल ना सही
पर परीक्षा कब तक लेती रही
वो अतीत अब परे है ...