सही इंसान बने
सही इंसान बने
मझदार में छोड़कर हौले से गुजर गई
क्या बात कही तेरी औकात पता चल गई
माना हम सही है इसलिए बर्दाश्त करते है।
ना काबिल है तू, क्योंकि पीछे से बकवास करते है
कभी लफ्ज़ गलत ना निकालो किसी और के लिए
तुम सहन नहीं कर सकते तो क्यों मुँह खोलते हैं
उतना ही कहना चाहिए इंसान को
जितना सहन कर सको
वरना काबिल तो तू भी नहीं है।
तुझे देखकर हमने तुझे पढ़ा।
चुप रहने की भी कोई जुबां होती है।
इस बकबक से तो चुप्पी सही है।