STORYMIRROR

Ervivek kumar Maurya

Romance Tragedy

4  

Ervivek kumar Maurya

Romance Tragedy

वो अब पुकारता नही

वो अब पुकारता नही

1 min
338

वो मुझे क्यों अब पुकारता नही

दिल से मुझको क्यों चाहता नही

आज भी मुझको उम्मीद है उसकी

नजर भर मुझे वो क्यों देखता नही


साथ उसके था उसको याद ही होगा

बिठाया पलकों पे था उसको याद ही होगा

खुद से पूछ ले वो मेरे हमनशी

क्या सच में मुझे तू याद करता नही


जिस्म उसका सिमट गया चादरों सा

प्यार बरसता रहा गर्म सांसों सा

उसको लिखा मैंने चांदनी की तरह

आज भी वो मुझको शायद पसन्द करता नही


उसका प्रेम सिर्फ एक दिखावा था

रूप में ही छुपा एक छलावा था

रह के भी वो मेरे साथ था ही नही

आज भी वो मुझे अपना समझता नही


वफ़ा जितनी की उसकी दुआ ले जा

चलते चलते मेरी जिंदगी की वजह ले जा

सुन ले मेरी चाहत का एक फ़साना

सिवा तेरे प्यार मैं किसी से करता नही!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance