वक्त को थमते देखा है
वक्त को थमते देखा है
वक्त को थमते देखा है
समंदर को पिघलते देखा है
नदियों को उफनते देखा हैं
उम्मीदों को बिलखते देखा हैं
हवाओं का रुख बदलते देखा है
हमने बहुत कुछ घटते देखा है
जिनको राह का पता था
उस इंसान को भी भटकते देखा है
उजालों में अंधेरा को देखा है
नादान सपनों को उजड़ते देखा है
घर के चिरागों को बुझते देखा है
मांग का सिंदूर पूछते देखा हैं
जो न होना था मंजर कभी
वो मंजर भी गुजरते देखा है
हां मैंने वक्त को थमते देखा है
वक्त को वक्त के साथ लड़ते देखा है।