वो बात नहीं होगी
वो बात नहीं होगी
आंखों से आंखें तो अब भी मिलती है मगर
आंखों से अब वो बात नहीं होती,
मिलते तो बहुत हैं लोग आज भी
पर वह पहली सी मुलाकात नहीं होती,
रास्ते तो बहुत गुजरते हैं अब भी
मेरे मकान के
तेरे घर तक जो पहुंचाए
वो राहें नहीं गुजरती,
मेरे घर में जो बगीचा है
उसके गुलाब अब भी खिलखिला रहे हैं
ना जाने वो मुस्कुरा रहे हैं या तेरी याद दिला रहे हैं,
लाख इशारे हों फिर भी वो बात नहीं होगी
तेरी यादें तो हर पल आएगी
पर तुझसे मुलाकात नहीं होगी,
बातें तो अब भी होगी औरो से
पर बातो में वो बात नहीं होगी।