मिलो तो मुसाफ़िर की तरह
मिलो तो मुसाफ़िर की तरह
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तुम मुझसे ,मिला करो
तो, मुसाफ़िर की तरह
आए हो तो, चले भी जाना
थोड़ी, दूरी रखना मुझसे
मुझसे, तुम नज़रे ना मिलाना
वक़्त बुरा है आज कल
इसलिए ,जब भी मिलो
किसी से ,तो सिर्फ मुस्कुराना
अपने आंसुओ को छिपाना
आंसुओ कि क़दर किसको है
इसलिए, जब भी आए
तो सिर्फ , अकेले में बहाना
जब भी, तुम मुझसे मिलने आना
घड़ी दो घड़ी ही ठहरना
और फ़िर अगले सफ़र में चले जाना!