वक्त का पहिया
वक्त का पहिया
वक्त की क्या क्या होगी नजाकत
आ जाये जाने कब कौन आफत
हमने उसे बहुत बहुत था कोसा
जिन्दगी का जाने क्या भरोसा
समझो हर शख्स की अहमियत
पुछ लिया करो सबकी तबीयत
किसका साथ कब छूट जाये
जाने कब कौन कहाँ रूठ जाये
कभी मेरा वजूद कहीं खो ना जाये
कहीं तुमसे हम दूर हो ना जाये
समझी ना किसी ने चाल समय की
ना बता सके भविष्यवाणी प्रलय की
कड़वे वचन ताक पर छोड़ना
सबसे मिलकर मीठा बोलना
जाने किसका दिन आज तय हो
जाने किसका अन्त समय हो
बाद में कहीं ना पड़े पछताना
सबसे रिश्ते अच्छे बनाना
किसका जीवन कब बिखर जाये
जाने कौन किससे बिछड़ जाये
साँसों के तार कब टूट जाये
वक्त का पहिया कब रूक जाये
