STORYMIRROR

Rajeev Kumar

Inspirational

3  

Rajeev Kumar

Inspirational

विकलांग

विकलांग

1 min
234

विकलांग

लगाकर ऊंची छलांग

सबको किया चितांग


विकलांग

खुद से और समाज से

खिलाफ उठनेवाली आवाज से

किया यलगार


विकलांग ने

खिंच कर अलग खाका

लहराई कृति पताका


विकलांग

जीता होगा खुद से हारा होगा

तब जग स्वीकारा होगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational