हां याद आता है तब माँ के साथ बिताया बचपन हद से बढ़ जाता है जब अकेलापन। हां याद आता है तब माँ के साथ बिताया बचपन हद से बढ़ जाता है जब अकेलापन।
विकलांग ने खिंच कर अलग खाका लहराई कृति पताका विकलांग ने खिंच कर अलग खाका लहराई कृति पताका
मान- मर्यादा को धूमिल कर देने वालों में हमारी गिनती होगी । मान- मर्यादा को धूमिल कर देने वालों में हमारी गिनती होगी ।
आदि शक्ति सती के निर्णय को पिता दक्ष ने कहां स्वीकारा था आदि शक्ति सती के निर्णय को पिता दक्ष ने कहां स्वीकारा था