Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Vandana Srivastava

Inspirational

4.5  

Vandana Srivastava

Inspirational

विजय तिलक

विजय तिलक

1 min
243


दशम दिवस विजया दशमी का ,

विजय तिलक पाप पर पुण्य का,

शक्ति आराधना प्रभु ने कर डाली,

दशानन भी था बहुत शक्तिशाली,

माँ शैलपुत्री

माँ ब्रह्मचारिणी

माँ चन्द्रघंटा

माँ कुष्मॉंडा

माँ स्कन्दमाता

माँ कात्यायनी

माँ कालरात्रि

माँ महागौरी

माँ सिद्धिदात्री

नवरात्रि में माँ के नौ रूप ,

चमक रहे दामिनी स्वरूप,

दसों बाजुयें फड़क रहीं थीं ,

पाप विनाश को मचल रही थीं 

नैनों की ज्वाला भस्म कर रही ,

वसुधा पाप मुक्त अब हो रही,

उधर दशानन का बढ़ा ऊधम,

लहरा रहा असुरों का परचम,

लंका को लील गया दावानल,

दसशीश रह गया कुकृत्य में असफल,

राम अनुज संग कर रहे चढ़ाई,

अब दशानन की थी शामत आई,

स्त्री का जब किया अपहरण,

विनाश बुला लिया बस यूं ही अकारण,

लंका को विजयी कर लिया प्रभु ने,

हर्ष उल्लास से विजय दिवस मनाया सबने,

हर साल दशानन आता है,

हर साल ही मारा जाता है,

असत्य पर सत्य की विजय हुई हमेशा,

यह याद दिलाने आता है ,

पाप कितना भी क्यूं ना हो शक्तिशाली,.

पुण्य के हाथों ही अंत को पाता है..!!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational