वीरों की धरती हिंदुस्तान
वीरों की धरती हिंदुस्तान
आहत धरा चित्कार रही है,
भारत मां भी पुकार रही है।
उठो जागो ए देश के वीरों,
दुश्मन सीमा से निहार रही है।
सुर्ख लाली से रंगा तिरंगा,
मानवता से हार रही है।
शिव के नेत्र बंद पड़े हैं,
कली कल्कि संहार रही है।
ये बीर सपूतों दिखादो,
हमारे रग में कितनी रवानी है
ये भारत वीरों की धरती,
इसकी अमिट कहानी है।
प्रादुर्भाव हुए हिंद में,
कई योद्धा महान बने।
गज शक्ति बाली की भुजाएं,
भानु निगल वीर हनुमान बने।
पापी कंस को पटक के मारा,
कान्हा मथुरा के प्राण बने।
दशानन के नाभि छेदकर,
श्री राम भगवान बने।
गांडीव के बल पर अर्जुन,
महाभारत के अभिमान बने।
क्षत्रियों के दंभ नष्ट कर ,
विश्व वीर परशुराम बने।
भीष्म की प्रतिज्ञा भारी,
हरिशचंद जैसे सत्यव्रत दानी है
ये भारत वीरों की धरती,
इसकी अमिट कहानी है।
इतिहास के पन्नों पर चमके,
कई शौर्ये की त्रास है।
देखकर वो विभत्स वेदना
आज भी चीखती हर लाश है।
छत्रपति शिवा की दहशत,
जब मुगलों पर छा जाती थी।
महाराणा के चिंघाड़ सुनकर,
भय भी भयभीत हो जाती थी।
चाणक्य के चोटी से जन्मे,
वीर चंद्रगुप्त की बात करें।
सिकंदर का सर झुका दे
ऐसे पोरस को याद करें।
धर कृपाण हरिसिंह सा,
रणजीत सा मान बढ़ाएंगे।
शब्दभेदी बन बाण चौहान का,
देश की आन बचाएंगे।
बन सम्राट अशोक सा,
पद्मिनी सा जौहर दिखानी है
ये भारत बीरो की धरती,
इसकी अमिट कहानी है।
आजादी की लगी चिंगारी,
ज्वाला, निकलने लगे जंजीरों से।
बांध कफन हर माथे पर,
बिछ गई धरती वीरों से।
क्रांति की बिगुल बज गई,
मंगल के ललकारो से।
झांसी वाली रानी लड़ गई,
जंग लगी तलवारों से।
फांसी चुना भगत बिस्मिल ने,
इंकलाब के नारों से।
चंद्रशेखर ने आजादी पाई,
गोलियों की बौछारों से।
सात समंदर पार सुभाष ने,
जंग छेड़ दी, ब्रिटिश सरकारों से।
खुदीराम ने बचपन त्याग दी,
देश प्रेम के संस्कारों से।
बांध लंगोट चरखे से जिसने,
अंग्रेजों को पीला दी पानी है
ये भारत वीरों की धरती,
इसकी अमिट कहानी है
आज भी वीर कम नहीं है
हमसे लड़ ले, किसी मे दम नहीं है।
मेरे देश को बन्दन है,
जहां बीर अभिनंदन है।
जशवंत सिंह को सलाम हमारा,
बिक्रम बत्रा चन्दन है।
ये धरती है नमन तुम्हे,
कुर्बान तुझपर जवानी है,
ये भारत बीरो की धरती,
इसकी अमिट कहानी है
अब हर पथ अग्निपथ होगा।
दुश्मन लाली से लथपथ होगा।
कारगिल जैसी हर जीत होगी,
कलिंग सा बहता रक्त होगा।
विश्व विजय कर लहरायेंगे तरंगा,
हर युद्ध हल्दीघाटी और पानीपत होगा।
दुश्मन भी सर गिनते रह जाएंगे,
देनी ऐसी कुर्बानी है
ये भारत वीरों की धरती,
इसकी अमिट कहानी है।