ऐसे भी कोई जाता है क्या
ऐसे भी कोई जाता है क्या
क्यों किया तुमने ऐसा,
ऐसे भी कोई करता है क्या ?
जैसे तुम चले गए ,
ऐसे भी कोई जाता है क्या ?
सुना था हमने
तुम माँ के बहुत दुलारे थे,
फिर ऐसे क्यों कर गए ?
अपनों को जीवन भर,
आंँखों में अश्रु देकर चले गए।
ऐसे भी कोई करता है क्या ?
एक बार तो सोचा होता,
पिता के अकेलेपन को
महसूस किया होता,
जैसे तुम उन्हें छोड़ गए,
ऐसे भी कोई छोड़ता है क्या ?
चार बहनों के अकेले भाई थे,
रक्षा के सूत्र में तुम बंधे थे,
आजीवन वचन निभाना था,
ऐसे भी कोई वचन निभाता है क्या ?
माना कि अनकही
परेशानियाँ बहुत थीं,
जीवन हर किसी का
अनमोल है होता,
ऐसे भी कोई लुटाता है क्या ?
कितने ही युवा
प्रेरित थे तुमसे,
सबके स्वप्नों पर
प्रश्र चिह्न लगा दिए,
ऐसे प्रश्न चिह्न लगाता है क्या ?
लड़ते सबसे,
अडिग रहते,
बुद्धिमान बहुत थे तुम,
कुछ जुगत अनोखी,
तुम अपनाकर,
सच का आईना,
तुम दिखालते,
कोई ऐसी फिल्म कर जाते,
जिसे कोई और नहीं कर पाता,
ऐसे कोई कर पाता है क्या ?
क्यों सुशांत क्यों ? क्यों ?
ऐसे भी कोई करता है क्या ?