खुशियाँ कम या ज्यादा हैं गम
खुशियाँ कम या ज्यादा हैं गम
साल 2020
खुशियाँ कम
बहुत है गम
किस से कहें हम
हाथ धो कर मर गए हम।
जीना दूभर
ना खाया जाए
खाए बिना भी रहा न जाए
यही सोच बस दिन कट जाए।
ना घर में चैन, ना बाहर जाएँ
बिन बाई के काम चलाएँ
घर से ज्यादा स्कूल से बौराए
दोनों जगह, बस काम ही काम
जिंदगी मानो, हो गया काम तमाम।
किसको कहें? कहाँ जाएँ?
जहाँ भी देखो खुशियाँ हैं कम
बस ज्यादा है गम, न दिखें होते कम
फिर भी जीते हैं हिम्मत से हम
हमें हरा सके, नहीं है किसी में दम ।
प्रभु से है बस एक ही प्रार्थना
2021 कुछ ऐसा आए
गम हो जाएँ कम, खुशियाँ भरमाएँ
सबका सुखी हों, सब खुश रहें
यही मंगल कामना...
नया साल मंगलमय हो।
करोना का भूत भी नजर ना आए
सबके जीवन में खुशियाँ लबलबाएँ
विश्व में फिर से शान्ति आ जाए
आने जाने के सब द्वार खुल जाएँ।