बलिदान
बलिदान
माँ तेरे चरणों मे आज,
शीश नवाने आया हूँ।
मातृभूमि के कर्ज कुछ,
आज चुकाने आया हूँ।
हे माँ!आज तुम मेरी
भेट स्वीकार करो।
हम सबके जीवन मे माँ,
नव ऊर्जा संचार करो।
चले हम सब जोश से,
देशभक्ति की राह पर,
कभी न थके,न हम हारे,
तेरी पावन राह पर,
कर देंगे हम प्राण न्योछावर,
तेरे ही सम्मान में,
आंधी आये या तूफान,
तोड़ हमे न पायेगा,
तेरे ही इस प्रबल प्रताप से,
दुश्मन मरता जाएगा,
जीत जाएंगे हम,
तेरे ही आशीर्वाद से,
कुर्बान खुद को कर जाएंगे,
तेरी ही इस राह में,
पर आँच न आने देंगे,
हम तेरे सम्मान में।