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वीर तुम बढ़े चलो

वीर तुम बढ़े चलो

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देश की खातिर जिये है

देश की खातिर मरेंगे

राष्ट्रभक्ति के हवन में

प्राण न्यौछावर करेंगे


तुम हमारा साथ दो

और ये हमें कहते चलो

वीर तुम बढ़े चलो,

वीर तुम बढ़े चलो


जब किसी वीरांगना की

सेज खाली हो गई

तुम बचे थे मौत से

सबकी दीवाली हो गई


सरहदों पे हम लड़े

सीने पे खाई गोलियां

दोस्तों की टोलियों ने

तब मनाई होलियां


जब फकत चेहरे बचे

और याद बाकी रह गई

तब किसी के हाथ में

बहनों की राखी रह गई


हम डरें ना काल से

विकराल से भी ना डरेंगे

राष्ट्रभक्ति के हवन में

प्राण न्यौछावर करेंगे


तुम हमारा साथ दो

और ये हमें कहते चलो

वीर तुम बढ़े चलो,

वीर तुम बढ़े चलो


राजनेता राज करते

जान देते है नहीं

जान जो देते है वो

फिर राज करते है नहीं


तुम हमें सत्ता नहीं

बस स्नेह का ही ताज दो

राज ना दिल्ली का दो

अपने दिलो का राज दो


हौसले तोड़े जो

ऐसी बात ना करना कभी

दुश्मनों की फितरतों से

तुम नहीं चढ़ना कभी


हम तुम्हारे वास्ते

सारे जहां से लड़ पड़ेंगे

राष्ट्रभक्ति के हवन में

प्राण न्यौछावर करेंगे


तुम हमारा साथ दो

और ये हमें कहते चलो

वीर तुम बढ़े चलो,

वीर तुम बढ़े चलो...!






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