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Madhu Vashishta

Action Inspirational

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Madhu Vashishta

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वीर बाल दिवस

वीर बाल दिवस

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साहबज़ादों का बलिदान हुआ न होगा इतना आसान।

याद करो उन्हें देशवासियों धर्म की खातिर जिन साहबज़ादों ने अर्पित कर दिया अपने प्राण।


जोरावर सिंह जी और फतेह सिंह जी को जब सरहिंद के नवाब ने दीवार में चुनवाया था।

हंसते-हंसते ही उन्होंने अपनी मौत को गले लगाया था।


वीरों की माता गूजरी देवी जी भी शहीद हो गई थी

उनको भी सरहिंद के किले के बुर्ज से नीचे गिराया था।


26 दिसंबर 1704 को ही गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार की

शहादत का दिन आया था।


हंसते-हंसते शहीद हुए केवल 7 और 9 साल के बालक क्योंकि

उनकी माता ने ही धर्म की रक्षा का पाठ सिखाया था।


गुरु गोविंद सिंह जी के दो शहजादे अजीत सिंह जी और

जुझार सिंह जी चमकौर के युद्ध में शहीद हुए।

केवल 40 सैनिकों की सेना के साथ हजारों मुगलो से लोहा लेते हुए

वह वीरगति को प्राप्त हुए।


गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार के बलिदान के कारण हम सब उनके ऋणी हुए।


26 दिसंबर 1705 को जिस दिन शहजादे शहीद हुए।

उनकी याद में ही हम वीर बाल दिवस आज मनाएंगे।

अपनी श्रद्धा रूपी पुष्प उन्हें चढ़ाकर हम नमन उन्हें करते जाएंगे।

उनकी शहादत को हम सब भारतवासी भूल ना पाएंगे

उनके बलिदान को याद करेंगे और फतेहगढ़ साहिब भी जाएंगे।

अपने बच्चों को भी हम देश प्रेम का पाठ सिखाएंगे।


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